
गुजरात एंटी टेररिज्म स्क्वॉड (ATS) ने एक सधी हुई कार्रवाई में AQIS से जुड़े 4 आतंकियों को गिरफ्तार किया है। उत्तर प्रदेश, दिल्ली और गुजरात से पकड़े गए इन संदिग्धों के नाम हैं – मोहम्मद फैज, मोहम्मद फरदीन, सेफुल्लाह कुरेशी और जीशान अली।
नाम अलग-अलग, लेकिन सबका Wi-Fi पासवर्ड शायद “J!h@d123” ही था!
ऐसे फैलाते थे ‘डिजिटल आतंक’
गुजरात ATS के अनुसार, आरोपी व्हाट्सएप और अन्य प्लेटफॉर्म पर ग्रुप बनाकर युवाओं को कट्टरपंथ की तरफ खींच रहे थे। इनका मकसद था – अल-कायदा के डिजिटल प्रोपेगेंडा को भारत में फैलाना। डिजिटल जिहाद का यह नया चेहरा टेक्नोलॉजी को हथियार बना रहा था।
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फर्जी करेंसी से आतंकी फंडिंग
अरवल्ली में पकड़े गए एक आरोपी के पास से जाली नोट और डिजिटल सबूत बरामद किए गए हैं। आशंका है कि ये लोग FICN नेटवर्क (Fake Indian Currency Network) के जरिए आतंकी गतिविधियों के लिए फंडिंग कर रहे थे।
ATS की पिनपॉइंट सर्जरी: सुनील जोशी की अगुवाई में हुआ ऑपरेशन
डीआईजी सुनील जोशी के नेतृत्व में गुजरात ATS ने तीन आतंकियों को दिल्ली और यूपी से और चौथे को गुजरात के अरवल्ली से गिरफ्तार किया। ये ऑपरेशन लंबे समय से चल रहे इंटेलिजेंस मॉनिटरिंग का नतीजा है।
क्या और भी गिरफ्तारियां होंगी?
ATS सूत्रों के अनुसार, पूछताछ के बाद नेटवर्क का दायरा और गहराई सामने आ रही है। हो सकता है आने वाले दिनों में और भी गिरफ्तारियां हों और स्लीपर सेल्स की पोल खुले।
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पृष्ठभूमि: गुजरात ATS का पुराना रिकॉर्ड
जून 2023 में गुजरात ATS ने पोरबंदर से ISKP से जुड़े दो आतंकियों को पकड़ा था। ATS की ऐसी कार्रवाइयों से ये साफ हो गया है कि गुजरात अब सिर्फ व्यापार का हब नहीं, आतंकी मॉड्यूल की कब्रगाह भी है।
तकनीक और आतंक का खतरनाक गठजोड़
आज की तारीख में आतंकी बम से ज्यादा, ब्रॉडबैंड पर भरोसा करते हैं। ATS की समय पर कार्रवाई ने साबित किया कि भारत की सुरक्षा एजेंसियां अब सिर्फ बंदूक नहीं, डेटा एनालिटिक्स से भी आतंक को टारगेट कर रही हैं।